तंबाकू का बहिष्कार कर इसके दुष्परिणामों से बचें : डा. ऋचा

 




मेरठ। विश्व तम्बाकू निषेध दिवसपर मंगलवार को नगरीय स्वास्थ्य केंद्र राजेन्द्रनगर पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया,जिसमें प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. ऋचा गुप्ता नेसमस्त आयु वर्ग के लोगों को तंबाकू सेवन से होने वाले दुष्परिणाम के बारे में बताया। गोष्ठी में नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के समस्त स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

डा. ऋचा गुप्ता बताया-तंबाकू नियंत्रण कानून कोटपा 2003 के तहत सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने, खुलेआम तंबाकू से संबंधित सामग्री बेचने पर कार्रवाई की जाती है। इसके तहत 200 रुपए से 10,000 रुपए तक जुर्माना और पांच साल तक की कैद का प्रावधान है।

डा.अब्दुल कादिर ने कहा- यूं तो तंबाकू का किसी भी रूप में और कभी भी उपयोग करना नुकसानदेह ही है। यह न सिर्फ इस्तेमाल करने वालों को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि उनके आस-पास के लोगों को भी गंभीर रूप से प्रभावित करती है। नशे के खिलाफ अभियान को हर घर तक ले जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा -युवाओं को न तो खुद नशा करना चाहिए और न ही दूसरों को नशीले पदार्थों के सेवन करने देना चाहिए।  इसके लिए संकल्प लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा -तंबाकू का बहिष्कार कर इसके दुष्परिणामों से बचें।

 पीसीआई कोर्डिनेटर तरूण ने कहा- तंबाकूसेवन से मुंह, गले, फेफड़े, मूत्राशय, गुर्दा,खाद्यनली में कैंसर होने की आशंका होती है। पुरुषों में नपुंसकता, महिलाओं में बांझपन हो सकता है। धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों के आस-पास रहने वाले व्यक्ति, उनके परिवार के सदस्य, बच्चे अन्य व्यक्ति के भी श्वसन के माध्यम से धुआं फेफड़ों में जाता है और उनके धूम्रपान नहीं करने पर भी इस अनचाहे धुएं से उनको कैंसर की आशंका रहती है। उन्होंने कहा -यदि किसी परिवार में कोई स्त्री गर्भवती है या बच्चे हैं तो उस परिवार में बिल्कुल भी तंबाकू का सेवन नहीं होना चाहिए। इस मौके पर अर्पित, एनएनएम पूजा यादव आदि मौजूद रहे। 

गौरतलब है कि 15 मई से 15 जून तक तम्बाकू नियंत्रण माह चलाया जा रहा है। इस अभियान में जनपद स्तर पर परामर्शदाता, मनो चिकित्सक शिविरों व गोष्ठी के माध्यम से तंबाकू का सेवन कर रहे व्यक्तियों को परामर्श देते हुए उसे छोड़ने के लिये प्रेरित कर रहे हैं।

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