श्री देवोत्थान सेवा समिति (पंजी) के तत्वावधान में 20 वीं अस्ति कलश यात्रा

 मेरठ पहुंचा दिल्ली से हरिद्वार के लिए 9216 अस्थि कलश यात्रा का काफिला, हुतात्माओं को दी श्रद्धाजंली





कुमार अशोक

मेरठ।कोरोना संक्रमण काल की दूसरी भयावह लहर के चलते कोरोना ग्रसित हुतात्माओ के मिले अस्थि कलशो के साथ साथ लावारिसो के वारिस बन 9216 अस्थि कलशो को पूरी वैदिक रीति रिवाज के साथ एक भव्य रथ में सजाकर महादेव के भक्तो का काफिला शुक्रवार को दिल्ली से हरिद्वार के लिए रवाना हुआ।श्री देवोत्थान सेवा समिति (पंजी) के तत्वावधान में लगातार 20 वीं बार यात्रा को अध्यक्ष श्री अनिल नरेन्द्र ने अपना आशीर्वाद देकर हरिद्वार के लिए रवाना किया। अस्ति कलश यात्रा दोपहर 3 बजे मेरठ पहुचने पर यह जानकारी समिति के महामंत्री एवं यात्रा संयोजक  विजय शर्मा ने दी । कंकरखेड़ा बाई पास पर अस्ति कलश यात्रा में शामिल महादेव के काफिले का स्वागत एवं भोजन कराया गया वहीं पुष्प वर्षा कर  हुतात्माओ को श्रद्धांजलि दी इस अवसर पर समिति महांमत्री विजय शर्मा ने डॉ अनिल शर्मा सुशांत शर्मा विष्णु अवतार शास्त्री अशोक महेश्वरी संजय शर्मा दीपक तालियान हरिओम शर्मा सुरेंद्र शर्मा विष्णु महेश्वरी तरंग महेश्वरी रोहित धुन चौधरी अर्जुन सिंह पत्रा विवेक गुलियान पत्रा व     मुकूल मित्तल को अलग अलग देवी देवताओं के चित्र भेंट कर सम्मानित किया। इसके बाद कलश यात्रा हरिद्वार के लिए रवाना हो गई इस अवसर पर श्री शर्मा ने बताया  19 वर्षों में 1,41,685(एक लाख इकतालीस हजार छह सौ पिच्चासी ) अस्थि कलशो को कनखल के सतीघाट हरिद्वार में वैदिक रीति व 100 किलो दूध की धारा के साथ विसर्जित किया है और अब 20 वीं यात्रा में 9216 अस्थि कलशो को विसर्जित करने का बीड़ा उठाकर इस संख्या को इस बार तक 1,50,901(एक लाख पचास हजार नौ सौ एक) तक पहुंचा दिया है।  समिति अध्यक्ष श्री नरेन्द्र ने कहा जब कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी और मृतकों के क्रिया कर्म के लिए वेटिंग चल रही थी, ऐसे समय में बहुत से महानुभाव अपने बचे परिवार को सुरक्षित रखने के चलते अपने अपनो को छोड़कर जा रहे थे,तो ऐसे समय में हमारी टीम के जांबाज बच्चों ने अपनी जान पर खेलकर ना केवल सारे अस्थि कलशो को पूरे दिल्ली एनसीआर के कोविड सेंटर वाले श्मशान घाटो से एकत्रित किया, बल्कि उन्हें अपने परिवार का ही सदस्य मानकर उनके अस्थि कलशो को संजोकर निगम बोध घाट,जमना बाजार के बारादरी भवन में ससम्मान रखा।उस समय से और अब पितृपक्ष तक इनके अतिरिक्त भी अन्य लावारिस अस्थि कलशो को इकठ्ठा कर आज हमारी टीम शहीदी पार्क, आईटीओ नई दिल्ली से गणमान्य नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद रवाना हुआ।

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