मदरसे में पढने वाले बच्चों की समस्याओं के संबंध में हुई चर्चा

 


राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष द्वारा वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से लाकडाउन के दौरान मदरसे में पढने वाले बच्चों की समस्याओं के संबंध में चर्चा की गयी


मवाना। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार (एनसीपीसीआर)  द्वारा  अल्पसंख्यक समुदाय  के मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों की कोरोना महामारी के दौरान आ रही समस्याओं को जानने और उसका समाधान करने हेतु एक  वीडियो कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें देश भर के विभिन्न संगठनों एवं मुस्लिम बुद्धिजीवियों से चर्चा की गयी।


राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग भारत सरकार के  अध्यक्ष केन्द्रीय दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री प्रियंक कानूनगो के सानिध्य में आयोजित कान्फ्रेसं में देश के लगभग सभी राज्यों प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जिसमें उत्तर प्रदेश से केवल दो सदस्यों डा0 असलम एडवोकेट एवं राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षा निगरानी समिति के सदस्य जावेद मलिक ने भाग लिया। कांफ्रेस में शामिल विभिन्न एनजीओ,  मदरसा व समाज के बुद्धिजीवी लोगो ने कोविड़ 19 के दौरान आ रही परेशानियों से राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष श्री प्रियंक कानूनगो को अवगत कराया, इस कान्फ्रेसं मे राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षा निगरानी समिति के सदस्य जावेद मलिक ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग भारत सरकार में एक मदरसा सेल बनाने की सिफारिश की जिसको बाल अधिकार संरक्षण आयोग भारत सरकार के अध्यक्ष  प्रियंक कानूनगो  ने एक सेल बनाने का आश्वाशन दिया, व कई प्रदेशो में जो बच्चे मदरसो मे फंसे हुए है, उनको भी घर पहुंचाने का अश्वाशन दिया। डा0 असलम एडवोकेट ने वीडियो कांफ्रेस में कहा कि सभी मदरसों के प्रबंधक एवं प्रधानाचार्यो को अपने-अपने मदरसों में सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिए एवं और अपने पास से उन्होंने कपडे के मास्क बनाकर देने चाहिए। साथ ही बार-बार साबुन से हाथ भी चाहिए। चर्चा के दौरान मेरठ के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मो0 तारिक पर कुछ बुद्विजीवियों ने निस्क्रिय रहने का आरोप लगाया, जिस पर अध्यक्ष प्रियंक कानूनगों ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार के सचिव को उन पर कार्यवाही करने के आदेश दिये।
वीडियो कांफ्रेसिंग में उत्तर प्रदेश से डा0 असलम एडवोकेट, प्रदेश उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा भाजपा जावेद मलिक, बिहार से इकबाल अंसारी, मोलाना शुऐब कासमी, बंगाल हीना खानम,  रूबिना सिददकी, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी नागपुर मुश्ताक पठान,अनवर सिददकी, गुजरात से एजाज पठान, माबून अख्तर आदि शामिल थे।
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अहमद हुसैन
True story


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