गेंहू की फसल को तैयार करने में जितनी मेहनत और धन का व्यय होता है अगर इसका सही भंडारण न हो तो मेहनत पर पानी फिर जाता है: डॉक्टर गुप्ता

मवाना।अनिल शर्मा ।।गेंहू की फसल को तैयार करने में जितनी मेहनत और धन का व्यय होता है अगर इसका सही भंडारण न हो तो मेहनत पर पानी फिर जाता है अनाज का वैज्ञानिक तरीके से भंडारण कर किसान इसे अधिक दिनों तक सुरक्षित रख सकता है।


यह कहना है स्वामी कल्याण देव कृषि विज्ञान केंद्र हस्तनापुर की वैज्ञानिक डॉ शकुंतला गुप्ता का। डॉक्टर गुप्ता ने बताया इन दिनों गेहू की थ्रेसिंग चल रही है। बड़ी मात्रा में अनाज का भंडारण कर इसे लम्बे समय तक सुरक्षित रख सकते है।अनाज भंडारण में सूक्ष्म जीव का प्रकोप अधिक होता है जिसे हम नही देख पाते है। ये सूक्ष्म जीव अनाज में दो माध्यम से आते है।पहला खेतो के दुवारा दूसरा भंडारण के दौरान जब अनाज खेतो में पकता है उसी दौरान फसल के बीजों पर कीट अंडे दे देते है। जब हम भंडारण करते है तो कीटो को अनुकूल आक्सीजन मिलने से इनके बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है कीट की चार अवस्था होती है।सर्वप्रथम अंडा द्वितीय अवस्था सुंडी तृतीय अवस्था प्यूपा चतुर्थ अवस्था प्रोड होती है। प्रो0 का रंग पीलापन लिये भूरा चमकदार सिर छोटा आँखे काली सुंडी धारीदार       तथा टाँग लम्बी होती है।   अनाज भण्डारण की वैज्ञानिक विधि।।।। अनाज को अच्छी तरह सुखाकर छान कर वसफ़ कर भंडारित करना चाहिए। अनाज को धूप में सुखाकर तथा ठंडा कर भंडारित करना चाहिये।इसमे जीवो की व्रद्धि नही होती।भंडारण के लिये नमी दश प्रतिशत से कम रखनी चाहिये।अनाज भरने के काम मे लाई जानी वाली बोरियो को गर्म पानी मे 15 मिनट तक डुबोकर सूखा लेना चाहिए या पानी मे निम की पत्ती पका कर टँकी वबोरी को साफ कर देना चाहिए।यदि अनाज बोरियो और टँकीयो में भरना हो तो दीवार से 12या 15 सेंटीमीटर दूर तथा बोरी रखने से पूर्व लकड़ी के तख्तो पर रख लेना चाहिए जिस कमरे में भंडारण करे उस कमरे के दरवाजे तथा खिड़किया को बंद रखना चाहिए। एक कुन्तलानाज में ईडी 
बी ए थिलीन ड्रा इबो माईडा ए गपुल 3 मिली 100,,1के अनुपात में नीम के बीच के साथ रखने में कीटो के प्रकोप से बचाया जा सकता है।                                    खराब अनाज की पहचान             अनाज में 15व20 प्रतिशत से अधिक नमी होने तथा सुख्य जीवाणु जैसे माइट, फफूंद वैक्टीरिया की व्रद्धि याचिक होने लगती है।45 प्रतिशत से अधिक नमी होने पर अंकुरण होने लगता है जिससे अनाज नस्ट हो जाता है। गेहू के भ्रूण का रंग गहरे बादामी से काले रंग का हो जाता है। अनाज का रंग काला होने पर इसमे वसा अम्ब अधिक होने से अनाज पाउडर के रूप में बदल जाता है सड़े अनाज से दुर्गंध आने लगती है अनाज के पोस्टिक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, बसा और प्रोटी न कि मात्राओ व गुणों में कमी आ जाती है। ऐसा अनाज खाने, बोने व चारे के लिये उपयुक्त नही होता।


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