10 निजी अस्पतालों को मरीजों का इलाज करने की मिली अनुमति 

Ravita
मुजफ्फरनगर। कोरोना वायरस की महामारी और लॉकडाउन के चलते जनपद के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं इन दिनों बंद हैं। मुश्किल यह है कि कोरोना वायरस के अलावा अन्य बीमारियों से पीडि़त मरीज अपना इलाज कराने कहां जाएं? मरीज इलाज के लिए एक से दूसरे अस्पताल भटक रहे हैं लेकिन उन्हें इलाज नहीं मिल पा रहा है। शासन स्तर से चयनित शहर के 10 बड़े निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज करने की अनुमति दी गई है वह भी सिर्फ इमरजेंसी केस तक ही सीमित है। हालांकि इसके लिए अस्पतालों को इन्फेक्शन प्रीवेन्शन प्रशिक्षण पूरा करना होगा। जिसके बाद तमाम एहतियात के साथ ही ये इमरजेंसी में मरीजों का इलाज कर सकेंगे। 
सीएमओ डॉ. प्रवीण चोपड़ा ने बताया कि जो 10 निजी अस्पताल शासन से चयनित किए गए हैं, सिर्फ उन्हीं अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं चलेंगी, सामान्य ओपीडी नहीं हो सकेगी। सीएमओ ने बताया कि निजी अस्पताल के डॉक्टर इसके लिए सीएमओ आफिस में कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रशिक्षण लेंगे और यही प्रशिक्षण अपने अस्पताल के अन्य कर्मचारियों को देंगे। पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ही संबंधित अस्पताल को सिर्फ इमरजेंसी सेवा चालू करने की अनुमति दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिले में सरकार ने निजी अस्पतालों को भी अपने यहां इमरजेंसी सेवाएं जारी रखने की अनुमति दे दी है। मुजफ्फरनगर में 10 अस्पतालों को इमरजेंसी सेवाएं जारी रखने की अनुमति दी गई है। हालांकि इसके लिए उन्हें इन्फेक्शन प्रीवेन्शन प्रशिक्षण पूरा करना होगा। मुजफ्फरनगर के जिन अस्पतालों को अनुमति मिली है उनमें शामिल हैं..कुशवाहा आई हॉस्पिटल, चंद्रा नर्सिंग होम, एस. आर हॉस्पिटल, शांति मदन हॉस्पिटल, दौराला नर्सिंग होम, गुप्ता नर्सिंग होम, जीवन प्रकाश हॉस्पिटल, संजीवनी नर्सिंग होम, रवि नर्सिंग होम, जगदीश डाइग्नोस्टिक सेंटर इन दस अस्पतालों को कोरोना इलाज की नहीं इमरजेंसी सेवाएं जारी रखने की अनुमति मिली है।


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