हिंदुत्व धर्म नहीं जीने का एक तरीका है:दुर्गा वर्मा


वैदिक काल में ऋषि-मुनियों ने मानव जाति के कल्याण  के लिए रचा था हिंदुत्व, धरातल पर गलत तरीके से हो रहा है हिंदुत्व का इस्तेमाल


Imran choudhry
देहरादून।  सोशल मीडिया पर हिंदुत्व के नाम पर हो रही वायरल वीडियो से अफरा-तफरी का माहौल बना रहता है। हिंदुत्व कोई धर्म नहीं है यह एक जीने का तरीका है जिसे अपनाने से मानव जीवन का कल्याण होता है।
 दुर्गा कंपनीज एवं सिद्धार्थ लॉ कॉलेज के चेयरमैन एवं समाजसेवी दुर्गा वर्मा ने कोरोना वायरस संक्रमण की महामारी के बीच कुवे लॉक टाउन में बातचीत करते हुए हिंदुत्व की परिभाषा को समझाते हुए बताया कि आज के इस दौर में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ज्यादातर वीडियो में हिंदुत्व को लेकर बात कही जाती है। जिसमें धर्म पर संकट, हिंदुत्व पर खतरा, हिंदुत्व को बचाओ ऐसी तमाम बातें होती है। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व को बचाने से पहले हिंदुत्व के बारे में जानना जरूरी है।आखिर हिंदुत्व है क्या, दरअसल हिंदुत्व कोई धर्म नहीं है। यह केवल एक जीने का तरीका है। वैदिक काल में ऋषि-मुनियो एवं उस वक्त के धर्म प्रचारको, अर्थ शास्रीयो द्वारा उस वक़्त एक ऐसी मानव जाति को गढ़ा व रचा गया था।जिससे पूरे मानव जाति का कल्याण हो सके। हिंदुत्व पर बोलते हुए दुर्गा वर्मा ने कहा कि उसमें मानव को सशक्त करने के लिए वह सब तरीके रखे गए थे। जिसमें मानव जाति एक सशक्त बनकर सामने उभरेओर अपने जीवन के संघर्ष में विजय हो सके। हिंदुत्व पर चलने वाला  मानव खुद ही अपने आप में सशक्त हो जाएगा।  चाहे वो मानसिक आघात हो, शारीरिक आघात हो  या आर्थिक आघात हो वो इन सभी चुनौतियों पर विजय पा सकता है। यदि वह इन मार्गों पर चले तो हिंदुत्व पूरे विश्व मानव जाति के लिए बनाया गया था। लेकिन कुछ समय बाद ही हम लोगों ने उसे देश की सीमाओं में ही  बांध कर रख दिया। फिर देश के धर्म  म में बांधकर उसकी व्यापकता को कर दिया। जो लोग हिंदुत्व को बचाने की बात करते हैं। लगता है उन लोगों के अंदर छुपा  हिंदुत्व मर रहा है। क्योंकि हिंदुत्व खुद अपने आप में सशक्त है। जो इंसान हिंदू शैली से अपना जीवन व्यतीत कर रहा है। वो किसी के सामने हिंदुत्व को बचाने की याचना नही करेगा। हिंदुत्व जनमानस के कल्याण के लिए रची गई एक जीवन शैली है। हम लोग हिंदुत्व को धरातल  पर दूसरे धर्मों की सामने एक हथियार के रूप में खड़ा कर रहे हैं। हिंदुत्व को हथियार के रूप में इस्तेमाल करेंगे तो इसका प्रचार प्रसार नहीं होगा। डर के रूप में प्रस्तुत करने से वह कभी भीअपनी व्यापकता हासिल नहीं कर पाएगा। यदि आप वास्तव में हिंदुत्व के पक्ष में हैं। तो इसके अंदर  छुपा वो मानव कल्याण का वह संदेश, वो प्यार, वो जीवन  की चुनौतियों का संदेश लोगो तक प्यार से पहुचाये। निश्चित ही जो हिंदुओं ने अपनी व्यापकता कोई है वह वापस लौट आएगी। कोरोना वायरस संक्रमण की महामारी से बचाव एवं लॉक डाउन के पालन में हर भारतवासी का कर्तव्य बनता है। ऐसे समय में जाति धर्म को भूलकर एकजुटता दिखानी चाहिए और देश में फैली इस महामारी को खत्म करना चाहिए। जिससे जनजीवन सामान्य रूप से वापिस आ सके आ सके।


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