घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश


संजय वर्मा
मेरठ । कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्र मण को फैलने से रोकने के लिए उन सभी बिन्दुओं पर बारीकी से नजर रखी जा रही है जिनसे इसका खतरा संभावित है । इसी क्रम में घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में गुजर-बसर करने वालों को खास सावधानी बरतने की हिदायत दी गयी है । इन क्षेत्रों के सामुदायिक शौचालयों, स्नानागारों और कपडेे धोने वाले स्थलों की और वहां पर बरती जाने वाली सतर्कता के बारे में जागरूक करने का प्रयास भी शुरू किया गया है ।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो विजय राघवन ने इस बारे में विशेष दिशा -निर्देश जारी करते हुए वहां कार्यरत कर्मचारियों और संस्थाओं से अपील की है वह लोगों को इस बारे में जागरूक करें । उनका कहना है कि सार्वजानिक स्थलों और घरों की सफ ाई के लिए ब्लीचिंग पाउडर या कीटाणुनाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं । इन स्थलों के बार-बार इस्तेमाल होने के चलते दरवाजों, कुण्डियों आदि के जरिये संक्र मण फैलने का खतरा बना रहता है इसलिए उनकी भी विधिवत सफाई का ख्याल रखें । उन्होंने पैरों से संचालित होने वाले हैण्डवाशिंग स्टेशन इंस्टाल करने की भी सलाह दी है ताकि संक्रमण का फैलाव सार्वजानिक जगहों पर न होने पाए । संक्रमण की रोकथाम में प्रभावी होने के साथ ही इससे पानी की भी बचत होगी और यह खर्चीला भी नहीं है । इन स्थलों की सतह की सफ ाई भी नियमित रूप से करते रहें ।
क्या सावधानी बरतें :-
. जूते-चप्पल पहनकर ही सार्वजानिक शौचालय के अंदर जाएँ
. सार्वजानिक शौचालय के इस्तेमाल के समय चेहरा ढका होना चाहिए
 मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं
. उपयोग के तुरंत बाद हाथों को साबुन-पानी से 40 सेकंड तक धुलें
. इन स्थलों पर भी सामाजिक दूरी का पालन जरूर करें
. आँख, नाक व मुंह को छूने से बचें
. सार्वजानिक स्थलों पर किसी भी हाल में  न थूकें
विशेष जानकारी के लिए संपर्क करें:-
कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखने पर जैसे सांस फूलना या अत्यधिक तेज बुखार होने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग के टोल फ ्री नंबर 1800-180-5145 अथवा अपने जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी- जिला सर्विलेंस अधिकारी से तुरंत संपर्क करें ।

खुद की परवाह न करते हुए घर-घर पहुंचा रहीं पोषण सामग्री
कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जागरूक करने के भरसक प्रयास में जुटीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
 वरिष्ठ संवाददाता
मेरठ। कोरोना वायरस के संक्रमण से इंसानी जिंदगी को बचाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार हर संभव प्रयास में जुटी हैं। वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लोगों का घरों से निकलना बंद है । लॉकडाउन के दौरान कार्यालयों में अवकाश घोषित होने के बाद कोई घर में टीवी देख रहा है तो बच्चे कैरम खेलकर टाइम पास कर रहे हैं । ऐसे संकट की घड़ी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जांबाज बनकर सेवा में जुटी हैं। अपने परिवार से दूर रहकर उन कमजोर वर्ग के परिवारों तक पोषण सामग्री पहुंचा  रही हैं जिन्हें ऐसी विकट परिस्थिति में इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी विनीत कुमार का कहना है जिले में 2075 आंगनबाड़ी हैं। आंगनबाड़ी के बच्चों को केंद्र के बंद होने पर भी पोषण सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। केंद्र की कार्यकर्ता एवं सहायिका बच्चों के घर जाकर रेडी टू ईट भोजन सामग्री पहुंचा रही हैं। अपने घर में ही पोषक भोजन सामग्री पाकर बच्चे और उनके अभिभावक खुश हैं। इसके अतिरिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सर्वे का कार्य घर घर जाकर कर रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता राशन वितरण में अहम भूमिका निभा रही हैं। वहीं काम में जुटी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरोज,  लक्ष्मी, बबीता, पूनम, नीतू, गरिमा आदि का कहना है ऐसे मौका जीवन में कभी-कभी आता है। हम सौभाग्य शाली है, जो हमें देश की सेवा करने का मौका मिला है।
दौराला बाल विकास परियोजना अधिकारी सुशील कुमार का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को सामान्य दिनों में गरम भोजन खिलाया जाता है, लेकिन शासन के आदेशानुसार आंगनबाड़ी केंद्रों के बंद होने पर उन्हें इसके बदले सूखी पोषण सामग्री ;रेडी टू ईट मील: घर.घर उपलब्ध करायी जा रही है। कोरोना वायरस से संक्र मण की रोकथाम व नियंत्रण के लिए शासन द्वारा प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी एवं मिनी आंगनबाडी केंद्रों को बंद कर दिया गया है। शासन ने आंगनबाड़ी केंद्रों के बंद रहने की इस अवधि में 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के सामान्य, मध्यम कुपोषित एवं गंभीर कुपोषित बच्चों को गर्म भोजन के स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था के रूप मे रेडी टू ईट पोषक आहार प्रतिदिन के हिसाब से एक सप्ताह के लिए राशन वितरण करने के निर्देश दिए हैं। इसका पालन करते हुए जिले में प्रत्येक आगंनबाड़ी कार्यकर्ता जरूतमंदों को घर-घर राशन पहुंचा रही हैं। इसके अतिरिक्त वह सर्वे का कार्य भी घर घर जाकर कर रही हैं।


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