सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान शुरू, 159 टीम जुटीं  / अभियान की निगरानी करेंगे 34 सुपरवाइजर

संजय वर्मा
मेरठ, 17 फरवरी 2020 । जनपद में टीबी रोग को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ विभाग का घर-घर जाकर टीबी मरीजों की तलाश के लिए सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान सोमवार से शुरू हुआ। अभियान 29 फरवरी तक चलेगा। इसके तहत पूरे जिले में विभाग की 159  टीम घर-घर टीबी रोगियों को खोजेंगी। अभियान का शुभारम्भ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजकुमार ने अपने कार्यालय से किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया जनपद में 13760 क्षय रोगी हैं। वर्ष 2018 में 6783 मरीजों को टीबी से मुक्त किया गया। टीबी की साधारण बीमारी 6 माह के कोर्स से, ड्रग्स रजिस्टेंट टीबी 9 माह से 11 माह के कोर्स से व एक्सडीआर टीबी 18 माह से 20 माह के कोर्स से पूरी तरह से ठीक हो सकती है। मर्ज को छिपाना नहीं चाहिए बल्कि उसका इलाज कराना चाहिए।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. एमएस फौजदार ने बताया जनपद में गत वर्ष 2019 में प्राइवेट अस्पतालों में 4450 व सरकारी चिकित्सालयों में 8610 मरीजों ने अपना इलाज कराया तथा इस वर्ष जनवरी से अब तक करीब 700 मरीज चिन्हित किये गये है। इस प्रकार जनपद में 13760 मरीज टीबी के हैं। उन्होंने बताया सरकारी चिकित्सालयों में टीबी के निःशुल्क उपचार व परीक्षण की सुविधा उपलब्ध है। इस अभियान में कुल जनसंख्या के 10 प्रतिशत को टारगेट करते हुये संवेदनशील स्थानों पर अभियान चलाया जा रहा है। अभियान को सफल बनाने लिए विभाग द्वारा कुल 159 टीम गठित की गयी हैं। जिनकी निगरानी के लिए 34 सुपरवाइजर व 11 नोडल अधिकारी लगाये गए हैं।
उन्होने बताया कि टीम रोजाना कम से कम 50 घरों में जाएंगी और वहां जाकर अपने परिचय देने के बाद बात करेगी। टीम के सदस्य यह जानकारी जुटाएंगी कि घर मे किसी को 15 दिन से खांसी या बुखार तो नही है, बलगम में खून तो नहीं आ रहा है या वजन तो नही गिर रहा है। इनमें से कोई भी लक्षण पाए जाने पर टीम बलगम का सैंपल लेगी। यदि जांच में टीबी की पुष्टि होती है तो मेडिकल सुपरवाइजर उस घर पर जाकर उसका उपचार करेगा। इसी के साथ उन्होंने क्षय रोग के लक्षण भी बताये जिसमें बताया कि दो सप्ताह में लगातार खांसी आना। हर रोज तेज बुखार आना। रात में पसीना आना। बिल्कुल भूख नहीं लगना। वजन में लगातार गिरावट होना टीबी के प्रमुख लक्षण हैं।


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