छरहरे बदन की चाहत के चलते 40+ की महिलाये बन रही जिम की रौनक

 


 


 


 


 


 


आज के दौर में हर कोई खुद को फिट रखना चाहता है, चाहे उम्र जो भी हो. वहीं, महिलाओं की तो चाहत ही होती है कि ताउम्र खूबसूरत और फिट रहें. 💐शादी के बाद महिलाओं में ऐसे भी मोटापे की समस्या होती है, जिससे महिलाएं कई बार असहज महसूस करने लगती हैं. इसी समस्या से निजात पाने के लिए राजधानी की महिलाओं को जिम का साथ मिला है. धीरे-धीरे लड़कियों के साथ अब महिलाएं भी जिम में एक्सरसाइज करना पसंद कर रही हैं. जिम ट्रेनर ने बताया कि पिछले तीन चार सालों में 40 से अधिक उम्र की महिलाओं में जिम का क्रेज काफी बढ़ा है. उन्होंने कहा कि समय के साथ लोगों की मानसिकता बदल रही है. ऐसे में महिलाएं मेल ट्रेनर के निर्देश में भी एक्सरसाइज करती हैं.



 



वजन कम करना है मुख्य कारण
उन्होंने बताया कि जितनी भी महिलाएं जिम आती हैं, उनमें अधिकतर वजन कम कराने के लिए जिम ज्वॉइन करती हैं. पिछले तीन महीने से जिम में एक्सरसाइज करने आ रहीं आसिफा कुरेशी ने बताया कि उनकी मुख्य समस्या वजन की थी. वर्किंग वुमन होते हुए भी वजन काफी बढ़ रहा था, जिससे उन्हें असहज महसूस होता था. ऐसे में जिम में एक्सरसाइज करने के दो माह बाद से ही काफी फर्क महसूस होने लगा. जिम ट्रैनर कहते है  कि लड़कियां वजन के साथ बॉडी टोनिंग के लिए भी आती हैं. बॉडी टोनिंग में बॉडी को एक निश्चित आकार दिया जाता है.


40 की उम्र के बाद महिलाओं में देखा जा रहा जिम का क्रेज



 
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जिम ट्रेनर अरशद ने जानकारी दी कि कोई भी व्यक्ति अगर पहली बार जिम ज्वॉइन करता है, तो उसे एक माह तक सिर्फ कार्डियो प्रैक्टिस करायी जाती है. यह महिलाओं के लिए सबसे आसान होता है, क्योंकि इसमें भार नहीं उठाना पड़ता. कार्डियो के तहत एक माह तक महिलाओं को सिर्फ ट्रेड मिल, क्रॉस ट्रेनर, साइक्लिंग आदि एक्सरसाइज कराया जाता है, जो अपने स्टेमिना से महिलाएं करती हैं.


शरीर के हिसाब से कराये जाते हैं एक्सरसाइज
अनिल वर्मा ने बताया कि महिलाओं और पुरुषों के शरीर में काफी अंतर होता है. पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं थोड़ी कमजोर होती हैं. ऐसे में महिलाओं को उनके शरीर और उनके वजन के अनुसार एक्सरसाइज कराया जाता है. एक माह की कार्डियो प्रैक्टिस के बाद ही नियमित जिम कराया जाता है.


 



वजन का रखा जाता है ख्याल
उन्होंने कहा कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं के जिम में एक्सरसाइज के दौरान वजन का खास ख्याल रखा जाता है. उनके वजन और जरूरत के अनुसार ही उन्हें वेट लूजिंग और वेट गेनिंग के लिए एक्सरसाइज कराये जाते हैं. इस दौरान जरूरी है कि जिम ट्रेनर प्रशिक्षु को और प्रशिक्षु अपने ट्रेनर को समझें, क्योंकि आपसी ताल-मेल से ही लोग एक-दूसरे की जरूरत को समझते हैं.


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